Tuesday, August 11, 2009

बस ड्राईवर

जब तुम अपने परिवार के साथ दिवाली मना रहे थे,
तो हम सड़कों पर बस चला रहे थे,
जरा सोचों, यदि हम भी अपने बच्चो के मोह माया में फँस जाते,
तो तुम जैसे हजारों लोग अपने परिवार से कैसे मिल पाते,
क्योंकि हिन्दुस्तान में सभी इतने अमीर नही,
जो अपना वाहन रखते है, फाइव स्टार में खाते है,
कुछ ऐसे भी है जो बस का किराया भी बड़ी मुश्किल से जुटा पाते है,

होली पर सभी पीकर मस्त,
पर मै उस दिन भी ड्राई यानि सूखा रहता हूँ,
शायद इसीलिए खुद को ड्राईवर कहता हूँ ॥

No comments:

Post a Comment