पहन के कपड़े सादे, लेकर नए – नए वादे
नेता आ गए, नेता छा गए
बेशक अब भरवा लो भात, इनकी ऐसी ही है जात
जो ना बने टिकेट की बात, करते है ये भीतर की घात
नेता आ गए, नेता छा गए
कल तक अलग ही चेहरों में, रह्ते थे बस पहरों में
भगवान दिखता गैरों में, पड़ते है अब पैरों में
नेता आ गए, नेता छा गए
पाँच साल में बन गए सेठ, बाहर निकल रहा है पेट
वोटर को चढाए भेंट, खुल गए तिजोरिंयो के गेट
नेता आ गए, नेता छा गए
कल बिस्तर पर लेटी, आज वो बहन और बेटी
लेकर दारू की पेटी
नेता आ गए, नेता छा गए
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